अनुवाद की मात्रा 100%, गुणवत्ता 0%
2016 में पहली बार वर्डप्रेस का हिंदी में अनुवाद पूरा किया गया। यह पहले विश्व वर्डप्रेस अनुवाद दिवस के कुछ समय पहले हुआ। मात्रा के मापदंडों में 100% अनुवाद सुनने में तो अच्छा लगता है और हमनें भी इसका खूब जश्न मनाया, लेकिन बहुत ही जल्द हमें यह समझ में आ गया कि गुणवत्ता (क्वालिटि) में हम बहुत ही पीछे हैं।
ज़्यादातर वाक्य सीधे सीधे गूगल ट्रांसलेट से उठा कर चिपकाये गये हैं। वर्तमान अनुवाद में न तो संदर्भ पर ध्यान दिया गया है न ही वाक्यों के प्रयोजन पर। इसके अलावा कई अनुवाद बहुत ही जटिल भाषा में हैं बजाय सामान्यत: उपयोग होने वाली रोज़मर्रा की भाषा में। अगर आप आज की तारीख़ में वर्डप्रेस का हिंदी में उपयोग करने की कोशिश करेंगे तो हताशा और निराशा का लगातार सामना करना पड़ेगा।
समाधान: शैली गाइड
इस माहौल में यह बहुत ज़रूरी हो गया है कि हम मानकों और मापदंडों की स्थापना करें जिससे अच्छे और बुरे अनुवाद में अंतर करना आसान हो। संपादकों और अनुवादको को राह दिखाने वाली गाइड अन्य भाषाओं में प्रचलित हैं। इनका गहन अध्ययन करने के बाद मैंने भी इस दिशा में कुछ प्रारंभिक कदम उठाये हैं जिनका विवरण हाल ही में आयोजित चौथे विश्व अनुवाद दिवस पर एक सत्र में प्रस्तुत किया। इसके बारे में और जानने के लिए विडियो यहां है, स्लाइड यहां हैं और प्रारूप यहां है।
समाधान: शब्दावली
शैली गाइड का निर्माण ज़रूरी है लेकिन उतनी ही ज़रूरी है एक शब्दावली जिसमें सामान्य शब्दों के साथ-साथ तकनीकी शब्दों और वाक्यांशों के समरूप मौजूद हों। यह पोस्ट ऐसी एक कोशिश है जिसमें मैं आपका ध्यान अनुवाद से हटाकर शब्दावली के निर्माण की ओर खींचना चाहता हूं।
अंग्रेज़ी के मूल शब्दों/ वाक्यांशों की ऐसी एक सूचि उप्लब्ध है जिसका इस्तेमाल कर हम धीर-धीरे पूरी शब्दावली तैयार कर सकते हैं। अगर हम कभी-कभी नियमित समय के लिए साथ बैठ, आठ से दस शब्द भी पूरे करें तो बूंद-बूंद सागर बनता है।
प्रस्ताव: शब्दावली सभा
इस विचार से एक प्रस्ताव है शब्दावली सभाओं का। ये सभाएं लगभग एक घंटे की होंगी और हर पखवाड़े या महीने में एक बार आयोजित की जा सकती हैं। इस बारे में आपके विचार और सुझाव आमंत्रित हैं, कृपया अपनी टिप्पणियां दें। आपकी टिप्पणी अंग्रेज़ी में भी हो सकती हैं। कहिए क्या ख़याल है?
और शैली गाईड?
इसके बारे में, आने वाले दिनों में और चर्चा करेंगे लेकिन अभी शब्दावली से शुभारंभ करते हैं, क्यों?
सौरभ आपका विचार अत्यंत सराहनीय है। हमें मात्रा पे नहीं बल्कि गुणवत्ता पे ध्यान देना होगा।
इस दिशा में आप जो भी कदम उठाएंगे उसमे मै पूरा सहयोग के लिए तैयार हूं।